सोमवार, 29 अप्रैल 2019

बाइबल Vs वेद (भाग ३)- भेदभाव | मानवता

✍️ लेखक ➩ अरुण कुमार आर्यवी

बाइबल में भेदभाव और जातिवाद


बाइबल Vs वेद


  • और हाबिल भी अपनी भेड़-बकरियों के कई एक पहिलौठे बच्चे भेंट चढ़ाने ले आया और उनकी चर्बी भेंट चढ़ाई; तब यहोवा ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया, परन्तु कैन और उसकी भेंट को उसने ग्रहण न किया। तब कैन अति क्रोधित हुआ, और उसके मुंह पर उदासी छा गई। (उत्पत्ति ४:४,५)
  • तब यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ा, कि सारे मिस्र देश के मनुष्यों पशुओं और खेतों की सारी उपज पर ओले गिरें। (निर्गमण ९:२२)
  • पर इस्राएलियों के विरुद्ध, क्या मनुष्य क्या पशु, किसी पर कोई कुत्ता भी न भोंकेगा; जिस से तुम जान लो कि मिस्रियों और इस्राएलियों में मैं यहोवा अन्तर करता हूं। (निर्गमण ११:७)
  • और तुम अपने पुत्रों को भी जो तुम्हारे बाद होंगे उनके अधिकारी कर सकोगे, और वे उनका भाग ठहरें; उन में से तुम सदा अपने लिये दास लिया करना, परन्तु तुम्हारे भाईबन्धु जो इस्त्राएली हों उन पर अपना अधिकार कठोरता से न जताना॥ (लैव्यव्यवस्था २५:४६)
  • क्योंकि तू अपने परमेश्वर यहोवा की पवित्र प्रजा है; यहोवा ने पृथ्वी भर के सब देशों के लोगों में से तुझ को चुन लिया है कि तू उसकी प्रजा और निज धन ठहरे। (व्यवस्थाविवरण ७:६)
  • क्योंकि तू अपने परमेश्वर यहोवा के लिये एक पवित्र समाज है, और यहोवा ने तुझ को पृथ्वी भर के समस्त देशों के लोगों में से अपनी निज सम्पति होने के लिये चुन लिया है। (व्यवस्थाविवरण १४:२)
  • सात सात वर्ष बीतने पर तुम छुटकारा दिया करना, अर्थात जिस किसी ऋण देने वाले ने अपने पड़ोसी को कुछ उधार दिया हो, तो वह उसे छोड़ दे; और अपने पड़ोसी वा भाई से उसको बरबस न भरवा ले, क्योंकि यहोवा के नाम से इस छुटकारे का प्रचार हुआ है। परदेशी मनुष्य से तू उसे बरबस भरवा सकता है, परन्तु जो कुछ तेरे भाई के पास तेरा हो उसको तू बिना भरवाए छोड़ देना। (व्यवस्थाविवरण १५:१,२,३)
  • जिसके अण्ड कुचले गए वा लिंग काट डाला गया हो वह यहोवा की सभा में न आने पाए॥ (व्यवस्थाविवरण २३:१)
  • तू परदेशी को ब्याज पर ऋण तो दे, परन्तु अपने किसी भाई से ऐसा न करना, ताकि जिस देश का अधिकारी होने को तू जा रहा है, वहां जिस जिस काम में अपना हाथ लगाए, उन सभों को तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे आशीष दे॥ (व्यवस्थाविवरण २३:२०)
बाइबल का ईश्वर यहोवा इसराइल वासियों को विशेष स्नेहवश और मिस्र आदि देशवासियों से पक्षपातपूर्ण व्यवहार करता है। प्रांतवाद, जातिवाद को पनपाता बाइबल का ईश्वर न्यायकारी नहीं हो सकता। जो विदेशी लोगों से सौतेला व्यवहार करने की प्रेरणा देता हो वह ईश्वर कैसा ? किसी के कर्मों के फल स्वरुप अपाहिज बने व्यक्ति का क्या अपराध कि उसे ईश्वर के दरवाजे भी बन्द हो जाए?

वेदों में मानवता

बाइबल Vs वेद

अज्येष्ठासो अकनिष्ठास एते सं भ्रातरो वावृधुः सौभगाय । युवा पिता स्वपा रुद्र एषां सुदुघा पृश्निः सुदिना मरुद्भ्यः॥ (ऋग्वेद ५/६०/५)
भावार्थ➨ जिनमें कोई बड़ा नहीं है, जिनमें कोई छोटा नहीं है, ऐसे यह सब भाई एक जैसे हैं। ये सब उत्तम क
ऐश्वर्य के लिए मिलकर उन्नति का प्रयत्न करते हैं। इन सब का तरुण पिता उत्तम कर्म करनेवाले ईश्वर है। इनके लिए उत्तम प्रकार का दूध देनेवाली माता प्रकृति है। यह प्रकृति माता न रोने वाले के लिए उत्तम दिन प्रदान करती है।

ते अज्येष्ठा अकनिष्ठास उद्भिदोऽमध्यमासो महसा वि वावृधुः। 
सुजातासो जनुषा पृश्निमातरो दिवो मर्या आ नो अच्छा जिगातन ॥ (ऋग्वेद ५/५९/६)
भावार्थ➨ वे सब बड़े नहीं हैं, छोटे नहीं है, और मध्य में भी नहीं है। परंतु वे सब के उदय को प्राप्त करनेवाले हैं। इसलिए उत्साह के साथ विशेष रीति से बढ़ने का प्रयत्न करते हैं।


🌹🌺🌷🍁 नमस्ते 🍁🌷🌺🌹

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