बुधवार, 29 मई 2019

बाइबल में ईश्वर का स्वरूप

✍️ लेखक ➩ अरुण कुमार आर्यवीर


Biblical God

हिंसा का समर्थक

  • और ऐसा हुआ कि आधी रात को यहोवा ने मिस्र देश में सिंहासन पर विराजने वाले फिरौन से ले कर गड़हे में पड़े हुए बन्धुए तक सब के पहिलौठों को, वरन पशुओं तक के सब पहिलौठों को मार डाला। (निर्गमण १२:२९)
  • उसने उन से कहा, इस्त्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि अपनी अपनी जांघ पर तलवार लटका कर छावनी से एक निकास से दूसरे निकास तक घूम घूमकर अपने अपने भाइयों, संगियों, और पड़ोसियों घात करो। (निर्गमण ३२:२७)
  • और हमारे परमेश्वर यहोवा ने उसको हमारे द्वारा हरा दिया, और हम ने उसको पुत्रों और सारी सेना समेत मार डाला। (व्यवस्थाविवरण २:३३)
  • और तेरा परमेश्वर यहोवा उन्हें तेरे द्वारा हरा दे, और तू उन पर जय प्राप्त कर ले; तब उन्हें पूरी रीति से नष्ट कर डालना; उन से न वाचा बान्धना, और न उन पर दया करना। (व्यवस्थाविवरण ७:२)
  • तब यहोवा के सम्मुख से आग निकलकर उन दोनों को भस्म कर दिया, और वे यहोवा के साम्हने मर गए। (लैव्यव्यवस्था १०:२)
  • मांस उनके मुंह ही में था, और वे उसे खाने न पाए थे, कि यहोवा का कोप उन पर भड़क उठा, और उसने उन को बहुत बड़ी मार से मारा। (गिनती ११:३३)
  • सो जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी उसी के अनुसार सारी मण्डली के लोगों ने उसको छावनी से बाहर ले जा कर पत्थरवाह किया, और वह मर गया। (गिनती १५:३६)
  • और क्या पुरूष, क्या स्त्री, क्या जवान, क्या बूढ़े, वरन बैल, भेड़-बकरी, गदहे, और जितने नगर में थे, उन सभों को उन्होंने अर्पण की वस्तु जानकर तलवार से मार डाला। (यहोशु ६:२१)
  • तब यहोवा ने यहोशू से कहा, उन से मत डर, क्योंकि कल इसी समय मैं उन सभों को इस्राएलियों के वश करके मरवा डालूंगा; तब तू उनके घोड़ों के सुम की नस कटवाना, और उनके रथ भस्म कर देना। (यहोशु ११:६)
  • और यहूदा ने चढ़ाई की, और यहोवा ने कनानियों और परिज्जियों को उसके हाथ में कर दिया; तब उन्होंने बेजेक में उन में से दस हजार पुरूष मार डाले। (न्यायियों १:४)
➧ उपर्युक्त विवरण से ज्ञात होता है कि मारकाट करने कराने वाला बाइबल का ईश्वर कितना क्रूर, जंगली, असभ्य था।

बाइबल के ईश्वर का पछताना

  • और यहोवा पृथ्वी पर मनुष्य को बनाने से पछताया, और वह मन में अति खेदित हुआ। तब यहोवा ने सोचा, कि मैं मनुष्य को जिसकी मैं ने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा; क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगने वाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, सब को मिटा दूंगा क्योंकि मैं उनके बनाने से पछताता हूं। (उत्पत्ति ६:६,७)
सृष्टि रचना करके पछताने वाला बाइबल का ईश्वर सर्वज्ञ नहीं है अपितु अज्ञानी सिद्ध हो जाता है।

वादविवाद का जन्मदाता

  • जब लोग नगर और गुम्मट बनाने लगे; तब इन्हें देखने के लिये यहोवा उतर आया। और यहोवा ने कहा, मैं क्या देखता हूं, कि सब एक ही दल के हैं और भाषा भी उन सब की एक ही है, और उन्होंने ऐसा ही काम भी आरम्भ किया; और अब जितना वे करने का यत्न करेंगे, उस में से कुछ उनके लिये अनहोना न होगा। इसलिये आओ, हम उतर के उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सकें। (उत्पत्ति ११:५—७)
  • यह न समझो, कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने को आया हूं; मैं मिलाप कराने को नहीं, पर तलवार चलवाने आया हूं। मैं तो आया हूं, कि मनुष्य को उसके पिता से, और बेटी को उस की मां से, और बहू को उस की सास से अलग कर दूं। (मत्ती १०:३४,३५)
कहां मानव जाति को परस्पर प्रेम मित्रता एवं संगठन में रहने की प्रेरणा देने वाला ईश्वर और कहां लोगों में भ्रम उत्पन्न करके परस्पर लड़ाने वाला बाइबल का ईश्वर!

अग्निवर्षा, सर्पवर्षा एवं ओले बरसानेवाला ईश्वर

  • तब यहोवा ने अपनी ओर से सदोम और अमोरा पर आकाश से गन्धक और आग बरसाई; (उत्पत्ति १९:२४)
  • सो यहोवा ने उन लोगों में तेज विष वाले सांप भेजे, जो उन को डसने लगे, और बहुत से इस्त्राएली मर गए। (गिनती २१:६)
  • तब यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ा, कि सारे मिस्र देश के मनुष्यों पशुओं और खेतों की सारी उपज पर ओले गिरें। तब मूसा ने अपनी लाठी को आकाश की ओर उठाया; और यहोवा मेघ गरजाने और ओले बरसाने लगा, और आग पृथ्वी तक आती रही। इस प्रकार यहोवा ने मिस्र देश पर ओले बरसाए। (निर्गमन ९:२२,२३)
अपने एवं भक्तों के विरोधियों पर आग, सांप एवं ओलों की वर्षा करनेवाला बाइबल का ईश्वर द्वेषी एवं असभ्य प्रतीत होता है।


 
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झूठा ईश्वर

  • और दूसरी नदी का नाम गीहोन है, यह वही है जो कूश के सारे देश को घेरे हुए है;पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना: क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा॥  (उत्पत्ति २:१३,१७)
  • सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया। तब उन दोनों की आंखे खुल गई, और उन को मालूम हुआ कि वे नंगे है; सो उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिये। (उत्पत्ति ३:६,७)
ईश्वर ने भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष के सम्बन्ध में असत्य भाषण करके आदम और हव्वा को धोखे में रखा।

अन्यायकारी ईश्वर

  • कोई कुकर्म से जन्मा हुआ यहोवा की सभा में न आने पाए; किन्तु दस पीढ़ी तक उसके वंश का कोई यहोवा की सभा में न आने पाए॥ (व्यवस्थाविवरण २३:२)
  • इस कारण से नामान का कोढ़ तुझे और तेरे वंश को सदा लगा रहेगा। तब वह हिम सा श्वेत कोढ़ी हो कर उसके साम्हने से चला गया। (२ राजा ५:२७)
किसी के किए अपराध का दंड कोई और भोगे ऐसी व्यवस्था देनेवाला ईश्वर न्यायकारी नहीं हो सकता।

लोकैषणाग्रस्त ईश्वर

  • परन्तु सचमुच मैं ने इसी कारण तुझे बनाए रखा है, कि तुझे अपना सामर्थ्य दिखाऊं, और अपना नाम सारी पृथ्वी पर प्रसिद्ध करूं। (निर्गमण ९:१६)
ऐसी कामना करने वाला ईश्वर सर्वज्ञ तथा आनन्द आदि गुणों से युक्त कैसे हो सकता है?

ईर्ष्याग्रस्त ईश्वर

  • तू उन को दण्डवत न करना और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला ईश्वर हूं, और जो मुझ से बैर रखते हैं उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को पितरों का दण्ड दिया करता हूं, (व्यवस्थाविवरण ५:९)
  • और मैं तुझ पर जलूंगा, जिस से वे जलजलाहट के साथ तुझ से बर्ताव करेंगे। वे तेरी नाक और कान काट लेंगे, और तेरा जो भी बचा रहेगा वह तलवार से मारा जाएगा। वे तेरे पुत्र-पुत्रियों को छीन ले जाएंगे, और तेरा जो भी बचा रहेगा, वह आग से भस्म हो जाएगा। (यहेजकेल २३:२५)
  • इन बातों के पश्चात ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने, इब्राहीम से यह कहकर उसकी परीक्षा की, कि हे इब्राहीम: उसने कहा, देख, मैं यहां हूं। (उत्पत्ति २२:१)
ईर्ष्या करने के स्वभाव ने बाइबल के ईश्वर को सामान्य व्यक्तियों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।

क्रोधी ईश्वर

  • तब यहोशू ने उस से कहा, तू ने हमें क्यों कष्ट दिया है? आज के दिन यहोवा तुझी को कष्ट देगा। तब सब इस्राएलियों ने उसको पत्थरवाह किया; और उन को आग में डालकर जलाया, और उनके ऊपर पत्थर डाल दिए। और उन्होंने उसके ऊपर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया जो आज तक बना है; तब यहोवा का भड़का हुआ कोप शान्त हो गया। (यहोशु ७:२५,२६)
  • मुझे अपने लोगों की चिल्लाहट दूर के देश से सुनाई देती है: क्या यहोवा सिय्योन में नहीं हैं? क्या उसका राजा उस में नहीं? उन्होंने क्यों मुझ को अपनी खोदी हुई मूरतों और परदेश की व्यर्थ वस्तुओं के द्वारा क्यों क्रोध दिलाया है? (यिर्मयाह ८:१९)
क्रोध प्रतिशोध की भावनाएं अल्पज्ञ जीवो में देखीं जाती है, सर्वज्ञ ईश्वर में नहीं।


विरोधियों का निंदक ईश्वर

  • यहोवा के नाम की निन्दा करने वाला निश्चय मार डाला जाए; सारी मण्डली के लोग निश्चय उसको पत्थरवाह करें; चाहे देशी हो चाहे परदेशी, यदि कोई उस नाम की निन्दा करे तो वह मार डाला जाए। (लैव्यव्यवस्था २४:१६)
  • यों इस्त्राएली बालपोर देवता को पूजने लगे। तब यहोवा का कोप इस्त्राएल पर भड़क उठा; और यहोवा ने मूसा से कहा, प्रजा के सब प्रधानों को पकड़कर यहोवा के लिये धूप में लटका दे, जिस से मेरा भड़का हुआ कोप इस्त्राएल के ऊपर से दूर हो जाए। (गिनती २५:३,४)
  • यदि तेरा सगा भाई……………पीछे सब लोगों के हाथ उठे। (व्यवस्थाविवरण १३:६–९)
  • चौकस रहो कि कोई तुम्हें उस तत्व-ज्ञान और व्यर्थ धोखे के द्वारा अहेर न करे ले, जो मनुष्यों के परम्पराई मत और संसार की आदि शिक्षा के अनुसार हैं, पर मसीह के अनुसार नहीं। (कुलुस्सियों २:८)
गैर मतानुयायियों के प्रति बाइबल के ईश्वर के विचार अशांति एवं धार्मिक उन्माद को फैलाने वाले हैं।


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रोगोत्पादक ईश्वर

  • तब यहोवा का कोप उन पर भड़का, और वह चला गया; तब वह बादल तम्बू के ऊपर से उठ गया, और मरियम कोढ़ से हिम के समान श्वेत हो गई। और हारून ने मरियम की ओर दृष्टि की, और देखा, कि वह कोढ़िन हो गई है। (गिनती १२:९,१०)
  • और यहोवा ने उस राजा को ऐसा मारा, कि वह मरने के दिन तक कोढ़ी रहा, और अलग एक घर में रहता था। और योताम नाम राजपुत्र उसके घराने के काम पर अधिकारी हो कर देश के लोगों का न्याय करता था। (२ राजा १५:५)
  • मैं ने तो अभी हाथ बढ़ाकर तुझे और तेरी प्रजा को मरी से मारा होता, और तू पृथ्वी पर से सत्यनाश हो गया होता। (निर्गमण ९:१५)
अपने व्यक्तिगत ईर्ष्या द्वेष से ग्रस्त होकर प्रतिद्वंदी को रोग ग्रस्त करना बाइबल के ईश्वर को अलग एक देसी ही सिद्ध करता है।

नीचा दिखाता ईश्वर

  • इस प्रकार परमेश्वर ने उस दिन कनान के राजा याबीन को इस्राएलियों के साम्हने नीचा दिखाया। (न्यायियों ४:२३)

ईश्वर का उकता जाना 

  • यहोवा यह कहता है, तुम्हारे बहुत से मेलबलि मेरे किस काम के हैं? मैं तो मेढ़ों के होमबलियों से और पाले हुए पशुओं की चर्बी से अघा गया हूं; (यशायाह १:११)

ईश्वर का विश्राम करना

  • और परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया; क्योंकि उस में उसने अपनी सृष्टि की रचना के सारे काम से विश्राम लिया। (उत्पत्ति २:३)

ईश्वर का परतन्त्र होना

  • यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। (यूहन्ना १४:६)

बेईमान ईश्वर

  • और याकूब आप अकेला रह गया; तब कोई पुरूष आकर पह फटने तक उससे मल्लयुद्ध करता रहा। जब उसने देखा, कि मैं याकूब पर प्रबल नहीं होता, तब उसकी जांघ की नस को छूआ; सो याकूब की जांघ की नस उससे मल्लयुद्ध करते ही करते चढ़ गई।  (उत्पत्ति ३२:२४,२५)
बाइबल वर्णित ईश्वर तो मानव से भी कमजोर निकला जो उसे मल्लयुद्ध में भी हरा नहीं पाया।

ईश्वर का वृक्षों को शाप देना

  • दूसरे दिन जब वे बैतनिय्याह से निकले तो उस को भूख लगी। और वह दूर से अंजीर का एक हरा पेड़ देखकर निकट गया, कि क्या जाने उस में कुछ पाए: पर पत्तों को छोड़ कुछ न पाया; क्योंकि फल का समय न था। इस पर उस ने उस से कहा अब से कोई तेरा फल कभी न खाए। और उसके चेले सुन रहे थे। (मरकुस १२:१२-१४)
बिनमौसम फलों की अपेक्षा करनेवाला ईश्वर कितना अज्ञानी है? भूख लगनेवाला ईश्वर शरीरधारी सिद्ध होता है। अंजीर के फल तो आज भी खाए जाते हैं। इससे बाईबल गपोड़ों की पुस्तक सिद्ध होता है।

ईश्वर द्वारा अव्यवहारिक उपदेश

  • अपने लिये पृथ्वी पर धन इकट्ठा न करो; जहां कीड़ा और काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर सेंध लगाते और चुराते हैं। (मत्ती ६:१९)
  • क्या मसीही इस उपदेश का आदर करते हुए धनसंग्रह करना बन्द कर देंगे? यदि तेरी दाहिनी आंख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर अपने पास से फेंक दे; क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। और यदि तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उस को काटकर अपने पास से फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये यही भला है, कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए॥ (मत्ती ५:२९-३०)
ऐसा ही विवरण मत्ती १८:८,९ और मरकुस ९:४३-४७ में भी दिया गया है।
आज तक कितने बाइबल के मानने वालों ने अपनी आंख क्या हाथ आदि काटकर बाइबल के ईश्वर की आज्ञा पालन किया?

ईश्वर द्वारा पक्षपात

  • फिर यहोवा ने मूसा से कहा, हारून से कह, कि तेरे वंश की पीढ़ी पीढ़ी में जिस किसी के कोई भी दोष हों वह अपने परमेश्वर का भोजन चढ़ाने के लिये समीप न आए। कोई क्यों न हो जिस में दोष हो वह समीप न आए, चाहे वह अन्धा हो, चाहे लंगड़ा, चाहे नकचपटा हो, चाहे उसके कुछ अधिक अंग हो, वा उसका पांव, वा हाथ टूटा हो, वा वह कुबड़ा, वा बौना हो, वा उसकी आंख में दोष हो, वा उस मनुष्य के चाईं वा खजुली हो, वा उसके अंड पिचके हों; हारून याजक के वंश में से जिस किसी में कोई भी दोष हो वह यहोवा के हव्य चढ़ाने के लिये समीप न आए; वह जो दोषयुक्त है कभी भी अपने परमेश्वर का भोजन चढ़ाने के लिये समीप न आए।(लैव्यय्ववस्था २१:१६-२१)
देखिए मात्र शारीरिक कमियों के आधार पर बाइबल का ईश्वर मनुष्य के साथ कैसा पक्षपातपूर्ण व्यवहार करता है।

असफल ईश्वर

  • और यहोवा यहूदा के साथ रहा, इसलिये उसने पहाड़ी देश के निवासियों निकाल दिया; परन्तु तराई के निवासियों के पास लोहे के रथ थे, इसलिये वह उन्हें न निकाल सका। (न्यायियों १:१९)
परमात्मा को एकदेशी मानने पर तो यह दुर्गति होनी ही थी। बड़े बड़े चमत्कार करनेवाले ईश्वर का लोहे के रथों के आगे असफल होना बुद्धिगम्य नहीं लगता।



see also: बाइबल Vs वेद (भाग ५)
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